About VSMT
“विश्व शक्ति मिशन ट्रस्ट अपनी ज्ञान की शक्ति से आज संसार के हर व्यक्ति की समस्याएं सुलझाने में लगा हुआ है। विश्व शक्ति मिशन ट्रस्ट अपनी समस्त शक्ति लगाकर तन—मन से इस संसार में रहने वाले लोगों के मन से व्याभिचार, गलत भावनाओं को मिटाकर उनके मन में शांति का संचार करने के लिए अग्रसर है।”
About Satguru Kabir Sahib ji
कबीर साहिब सर्वशक्तिमान, ईश्वरीय गुणों से युक्त, पवित्र एवं नित्य-मुक्त आत्मा थे । ऐसी आत्माओं को ही सतगुरु कहा जाता है । परमात्मा ऐसी ही आत्माओं को अपना प्रतिनिधि बनाकर, जीव जगत के कल्याणार्थ, हर युग में धराधाम पर भेजते हैं । सदगुरु कबीर साहेब महज अध्यात्म जगत के ही सर्व-ज्ञाता नहीं थे बल्कि संपूर्ण जीव-जगत एवं मानवता के लिए भी वे अति संवेदनशील संत थे ।
उनकी दृष्टि से मानवता का कोई कोना अछूता नहीं रह गया था । उनकी वाणी और उपदेशों में सदैव समरसता की अविरल धारा प्रभावित होती रहती थी । उनकी दृष्टि में हिंदू मुस्लिम, सिक्ख, पारसी, ईसाई आदि सभी कौमों और धर्मों के लोग, एक ही परमपिता परमात्मा की संताने हैं ।
About Satguru Garibdas ji
संत गरीबदास जी का प्रादुभार्व 24 मई 1717 ई. बैसाख शुक्ल पूर्णमासी मंगलवार को प्रातः 4:00 बजे हरियाणा के जिला झज्जर की तहसील बहादुरगढ़ के गांव छुड़ाने में हुआ । ऐसे संतों का अवतरण इस धराधाम पर जीव–जगत के कल्याण के लिए होता है । इस श्रेणी में कबीर साहिब, संत रविदास, नानक जी, गरीब दास जी, पीपा जी आदि महापुरुषों का नाम आता है। उपरोक्त महान विभूतियां अंदर निर्गुण परमात्मा से एकम–एक होते हुए भी, बाहर सगुण शरीर के कारण अलग-अलग रूपों में प्रतीत होती है । परंतु ये सब परमात्मा का ही जीता–जागता स्वरूप है।
साहिब कहो, सतगुरु कहो, संत कहो अवतार ।
गरीब चहुंवा में पद एक है, सत् निर्गुण निज सार ।।
About Swami Ramdevanand ji
पूज्य स्वामी रामदेवानन्द जी महाराज का जन्म सन् 1875 ई. में हरियाणा के चरखी दादरी के पास ‘बड़ा पैंतावास’ गांव में एक सम्पन्न ब्राहम्ण परिवार में हुआ था। आप बाल्यकाल से ही भगवान की भक्ति में रूचि रखते थे। आपने केवल बीस वर्ष की उम्र में ही घर त्याग दिया तथा सन्यास लेकर विरक्त महात्माओं के साथ विचरने लगे। लगभग चालीस साल तक आप निर्जन वनों, पर्वतों पर रहकर कठोर साधना करते रहें। एक बार जब आप प्रयाग कुम्भ पर आए हुए थे, वहां कुछ भक्त आपको नजफ़गढ़ (दिल्ली) में ले आए। उसी समय से आपने सत्गुरू गरीबदास जी की वाणी का पाठ करना प्रारम्भ किया। आपसे प्रभावित होकर, हजारों लोग आपके सम्पर्क में आकर आप के शिष्य बन गऐ तथा आपके ठहरने की सुविधा के लिए तीन जगह आश्रम बनाए गए।
About Satsahib
परम सन्त गरीबदास जी का उद्घोष था ‘सत् साहिब’ जोकि सत्पुरूष कबीर साहिब से चला हुआ है। कबीर साहिब ने ‘सत्’ वेदों से तथा ‘साहिब’ कुरान शरीफ से लेकर ‘सत् साहिब’ बनाया, जो हिन्दू तथा मुसलमान दोनों की एकता का प्रतीक है। सत्गुरू गरीबदास साहिब के अनुयाई सन्त तथा भक्त आपस में मिलते समय ‘सत् साहिब’ कहते हैं तथा नत्मस्तक होकर नर रूप में नारायण को देखने का भाव प्रकट करते हैं।
सत् साहिब की तरह ही साहिब बन्दगी या प्रणाम साहिब आदि नमस्कारात्मिक शब्द हैं, जिन्हें अपनी श्रद्धानुसार चुना जा सकता है। इसलिए मैनें सद्गुरू जी के इस पावन—चरित्र में, नर—रूपी—नारायण को श्रद्धाभाव से प्रणाम करने की प्रथा का अनुमोदन किया है।
What People Say
Our Social Activities
VSMT routinely provides warm and essential clothing to the communities in need.
VSMT provides high-quality homeopathic dispensing services to communities for free.
VSMT along with its trustees donated a generous amount of INR 5 Lakh towards Haryana Corona Relief Fund.
VSMT conducts shanti yagyas to strengthen peace and foster goodwill in surrounding communities and beyond.
VSMT organises medical camp doation sessions to provide life-saving support to people in need.
VSMT offers support to vulnerable communities through donations and sponsorships.
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Our Programs
- Portfolio title 2September 4, 2017
- Diwali 3January 6, 2022
- Diwali 4January 6, 2022
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- Vishal Kalash Yatra1January 6, 2022
- Vishal Kalash Yatra 2January 6, 2022
- Vishal Kalash Yatra 3January 6, 2022
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- Vishal Kalash Yatra 7January 6, 2022
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